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Showing posts from May, 2025
 यहाँ पर कीड़ों ( worms ) के प्रकार और उनकी निदान ( diagnosis ) से संबंधित जानकारी हिंदी में दी गई है: 🪱 कीड़ों के प्रकार ( Types of Worm s ) कीड़े ( Helminths ) मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं: 1. गोल कृमि ( Roundworms / Nematodes ) उदाहरण: Ascaris lumbricoides – पेट का सामान्य कीड़ा Enterobius vermicularis – पिनवर्म (छोटे बच्चे में खुजली वाले कीड़े) Hookworms – खून की कमी करते हैं ( Ancylostoma , Necator ) Strongyloides stercoralis – त्वचा और आंत में संक्रमण Trichuris trichiura – व्हिपवर्म Wuchereria bancrofti – फाइलेरिया (हाथ-पैर की सूजन) 2. चपटे कृमि (Flatworms / Platyhelminths) a. फीते जैसे कीड़े ( Tapeworms / Cestodes) उदाहरण: Taenia saginata – गाय से फैलने वाला टेपवर्म Taenia solium – सुअर से फैलने वाला टेपवर्म Echinococcus – लीवर/फेफड़े में सिस्ट बनाता है (हाइडैटिड डिज़ीज) b. फ्लूक्स (Flukes / Trematodes) उदाहरण: Schistosoma – यूरिन या खून में पाया जाता है Fasciola hepatica – लिवर फ्लूक Clonorc...
विटामिन D3 की जांच क्यों कराई जाती है? 1. विटामिन D की कमी का पता लगाने के लिए: आजकल बहुत से लोग धूप में कम जाते हैं, ज़्यादातर समय घर के अंदर रहते हैं या संतुलित आहार नहीं लेते, जिससे विटामिन D3 की कमी हो जाती है। जांच से यह पता चलता है कि शरीर में ( vitamin  D3) की मात्रा कम है या नहीं। 2. हड्डियों की मजबूती के लिए: विटामिन D3 शरीर में कैल्शियम को सोखने में मदद करता है। अगर इसकी कमी हो जाए, तो हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं और रोग जैसे (osteopenia/osteoporosis,)          ऑस्टियोपोरोसिस  या हड्डियों में दर्द हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर यह जांच कराते हैं ताकि हड्डियों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सके। 3. कुछ बीमारियों का खतरा जानने के लिए: विटामिन D3 की कमी से डा यबिटीज , दिल की बीमारी , और प्र तिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम ) कमजोर हो सकती है। इसकी जांच करवा कर यह देखा जाता है कि आपको इन बीमारियों का खतरा तो नहीं है। 4. दवा या सप्लीमेंट का असर देखने के लिए : अगर आप पहले से विटामिन D3 की गोली या सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो जांच से यह देखा जाता ...
  TSH टेस्ट क्या है? TSH टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो आपके रक्त में TSH के स्तर को मापता है। यह टेस्ट यह निर्धारित करने में मदद करता है कि आपकी थायरॉयड ग्रंथि सामान्य रूप से काम कर रही है या नहीं। यदि TSH का स्तर बहुत अधिक या बहुत कम है, तो यह थायरॉयड समस्या का संकेत हो सकता है।   TSH ( Thyroid Stimulating Hormon e ) एक हार्मोन है जो पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है और यह थायरॉयड ग्रंथि को T3 ( Triiodothyronine ) और T4 (Thyroxine) हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करता है।   ये हार्मोन शरीर के मेटाबोलिज्म, ऊर्जा स्तर, हृदय गति, पाचन और मांसपेशियों की शक्ति को नियंत्रित करते हैं।   TSH की सामान्य रेंज नॉर्मल रेंज: 0.5 से 5.0 mIU/L TSH कम (< 0.5 mIU/L): हाइपरथायरायडिज्म (थायरॉयड हार्मोन का अधिक उत्पादन) TSH अधिक (> 5.0 mIU/L): हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉयड हार्मोन का कम उत्पादन) 🔍 TSH स्तर असामान्य होने पर लक्षण हाइपोथायरायडिज्म (TSH HIGH ): थकान वजन बढ़ना ठंड अधिक लगना बाल झड़ना कब्ज हाइपरथायरायडिज्म (TSH LOW): तेज हृद...